प्यार का इंतज़ार

एक ऐसा साथ
एक ऐसा रिश्ता
देखा ही था ख़्वाब उसका
साल हुआ शुरू तब लगा है यह साल प्यार का

देखते देखते गुज़रा वक़्त
मिला नहीं कोई रास्ता दीदार का
पर फिर भी करते रहे इंतेज़ार
आने वाले उस प्यार का

ढूंढते ढूंढते दिखा एक इश्तिहार
दिल ने कहा चल फिर लगा दाँव एक बार
सोचा नहीं था कि दाँव लग जायेगा निशाने पर
और लगेगा कुछ अपना सा

बात हुई और बढ़ने लगी एक आस
कि मिल गया वो अपना सा
करते रहे इंतेज़ार उस वक़्त का
जब होगा दीदार उस चेहरे का

देख कर हुआ एहसास
कुछ अनछुआ सा
हुई काफ़ी बातें
सपना लगने लगा सच्चा सा

पहली बार आई एक आवाज़ दिल से
होगया तुम्हारा सपना पुरा
देखो तुम सपने वो जहां मिले कोई अपना सा

दिन और रातें कब लगने लगी कम
पता ही ना चला
लगने लगा कोई जान से प्यारा
आपकी ही बातें करता है यह दिल
देखकर आपका सपना सा

कर रहें है बस इंतेज़ार
आने वाले उस लम्हे का
जहां दीदार हो आपके साथ उन लम्हों का

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